तथागत बुद्ध का धम्म
1- जीवन की पवित्रता बनाये रखना धम्म है
2- जीवन में पूर्णता प्राप्त करना धम्म है
3- निर्वाण प्राप्त करना धम्म है
4- तृष्णा का त्याग धम्म है
5- यह मानना कि सभी संस्कार अनित्य हैं- धम्म है
6- कर्म को मानव जीवन के नैतिक संस्थान का आधार मानना धम्म है
इसलिए ध्यान,चिंतन,अधिधम्म को अधिक महत्व देना भारत में बौद्ध धम्म के लिए प्राण घातक है-
तथागत बुद्ध की शिक्षा और सार तैयार करते समय तथागत बुद्ध की सामाजिक और नैतिक शिक्षा को
सावधानीपूर्वक अधिक महत्व देना अतिआवश्यक है,मुझे इसे इसलिए अधिक महत्व देना है क्योंकि अभी तक जो
भी ध्यान दिया गया है,वह ध्यान,चिंतन और अधिधम्म को ही दिया गया है,और इस तरह ध्यान,चिंतन और अधिधम्म
के तरीके से तथागत बुद्ध के धम्म को लोगों के समक्ष प्रस्तुत करना या खुद अनुपालन करना हमारे उद्देश्य पूर्ति के
लिए प्राण घातक होगा-
- डॉ बाबासाहेब आंबेडकर
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